Satta King | Satta Result | Satta King 786 | Satta Chart | Kalyan Satta Matka: जुआ और सट्टा मटका दोनों ही ऐसे खेल हैं जिनमें लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं और पैसे लगाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है?
जुआ एक व्यापक गतिविधि है, जिसमें कई तरह के दांव शामिल होते हैं, जबकि सट्टा मटका एक खास प्रकार का जुआ है, जो नंबरों के खेल पर आधारित होता है।
आइए जानते हैं इन दोनों के बीच का अंतर और इनके कानूनी पहलू।
जुआ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें लोग पैसे या कीमती चीजें दांव पर लगाते हैं और इसकी जीत या हार पूरी तरह से किस्मत और मौके पर निर्भर करती है। जुए के कई प्रकार होते हैं, जैसे:
कैसीनो गेम्स – पोकर, रूले, ब्लैकजैक आदि। स्पोर्ट्स बेटिंग – क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों पर दांव लगाना। लॉटरी – टिकट खरीदकर किस्मत आजमाना।
दुनिया के कई देशों में कैसीनो और लॉटरी कानूनी रूप से मान्य हैं, लेकिन भारत में जुए को लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं।
सट्टा मटका जुए का ही एक रूप है, जिसकी शुरुआत 1950 के दशक में मुंबई में हुई थी। इसमें लोग एक विशेष नंबर या नंबरों के सेट पर दांव लगाते हैं।
शुरुआत में, ये नंबर मटके (मिट्टी के घड़े) से निकाले जाते थे, इसलिए इसे सट्टा मटका कहा जाता था। हालांकि, अब यह खेल ऑनलाइन भी खेला जाता है।
सट्टा मटका में फिक्स नंबरों पर दांव लगाया जाता है, और रिजल्ट निकलने पर कुछ लोगों को फायदा होता है, जबकि कई लोग अपनी जमा पूंजी गंवा देते हैं
भारत में सट्टा मटका और अन्य प्रकार के जुए गैरकानूनी माने जाते हैं। हालांकि, कुछ राज्यों में लॉटरी और घुड़दौड़ पर सट्टा वैध है। ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के कई प्लेटफॉर्म मौजूद हैं, लेकिन ये सभी कानूनी दायरे से बाहर होते हैं।