पीरियड्स महिलाओं में हर महीने होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है. ये हर महीने आता है और इसका समय लगभग निश्चित होता है.
कई बार वेकेशन, एग्जाम यह फिर धार्मिक कार्य और अन्य खास मौके पर पीरियड्स को परेशानी बन जाती है.
ऐसे में महिलाएं पीरियड्स को रोकने वाली गोलियों का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन ये जान लेवा हो सकती है.
पीरियड्स रोकने के लिए हार्मोनल गोलियां दी जाती है. जिसमे सिंथेटिक हार्मोन जैसे प्रोजेस्टेरोन या एस्ट्रोजन का इस्तेमाल होता हैं.
यह गोलियां खून को गाढ़ा कर देती हैं और फिर गर्भाशय की परत का रिसाव रुक जाता है जिससे पीरियड्स रुक जाते हैं.
कई बार ये गोलियां खून गाढ़ा होने की प्रक्रिया को बढ़ा देती है जिससे नसों में थक्का जम सकता है. और मौत हो सकती है.
इसके अलावा और भी समस्या उत्पन्न हो सकती है. जिसमे मिचली, उल्टी, सिरदर्द, चक्कर, मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन आदि शामिल है.
सभी महिलाओं का शरीर और हार्मोनल लेवल अलग होता है ऐसे में केवल डॉक्टर की सलाह से ही पीरियड्स रोकने की दवा लेनी चाहिए.