पत्थरचट्टा के पत्ते हैं किडनी स्टोन के तीखे दर्द का रामबाण इलाज, जानिए आयुर्वेद के बताए फायदे
पत्थरचट्टा के पत्तों का रस किडनी स्टोन को चूरा कर पेशाब के साथ बाहर निकाल देता है। यह किडनी स्टोन के कारण होने वाले तीखे दर्द को भी कम करता है। इसके लिए गुनगुने पानी के साथ इसकी 2-3 पत्तियों को चबाकर खाएं।
पत्थर चट्टा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मददगार है। इसकी पत्तियां पेन किलर का काम करती हैं। काढ़ा पीने के अलावा आप पत्थरचट्टा के पत्तों को पीसकर उनका लेप भी कर सकते हैं।
पत्थरचट्टा हाई बीपी को कंट्रोल करने की ताकत रखता है। इसके रस की पांच बूंदे एक गिलास गुनगुने पानी के साथ मिलाकर लेने से बीपी कंट्रोल में रहता है।
ये महिलाओं में वजाइनल इंफेक्शन की तकलीफ़ जलन, खुजली, पीठ दर्द को दूर करता है।
अपच और गैस के कारण पेट में तकलीफ़ हो तो इसके पत्तों के रस में दो चुटकी सौंठ पाउडर मिला कर सेवन करें। ये पेट के संक्रमण को भी दूर करता है।
पथरचट्टा में ऐसे बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं जो इंसुलिन के प्रोडक्शन को उत्तेजित करते हैं। इसलिये यह डायबिटीज़ रोगियों के लिए उपयोगी हो सकता है।
ये बाॅडी को डिटाॅक्स भी करता है।
पत्थर चट्टा का काढ़ा ऐसे बनाएं:- आधा लीटर पानी में पत्थरचट्टा की 15 से 20 पत्तियों को उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छान लें। इसका दिन में दो बार सेवन करें। आप इसमें सेंधा नमक या शहद भी डाल सकते हैं।