नहाय खाय के साथ चार दिन तक चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत होती है.
नहाय खाय के दिन स्नान कर और छठी मईया व सूर्य देव की पूजा कर लौकी की सब्जी और चावल (लौकी-भात) खाया जाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं नहाय खाय के दिन लौकी की सब्जी क्यों जाती है.
छठ पूजा में लौकी भात काे बहुत महत्व दिया गया है. लौकी (कद्दू) और चावल दोनों ही सात्विक, हल्के और पवित्र भोजन माने जाते हैं.
इतना ही नहीं लौकी में कई पोषक तत्व होते हैं और इसके कई फ़ायदे हैं. लौकी में फ़ाइबर और पानी की मात्रा ज़्यादा होती है. जो अगले दिन व्रत के लिए ताकत देती है.
लौकी में विटामिन बी, सी, ए, के, ई, आयरन, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. लौकी एक उत्कृष्ट इम्युनिटी बूस्टर भी है.
लौकी शरीर के तापमान को संतुलित रखती है जिससे व्रती अगले दिनों का निर्जला उपवास सहन कर सकें.
लौकी और भात का संयोजन हल्का और पचने में जिससे शरीर आगामी व्रत (उपवास) के लिए तैयार होता है.