Naga Panchami 2023: आज है नाग पंचमी, इस दिन भूल से भी न करें यह काम, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व...

नाग पंचमी के दिन घर के बाहर मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से सर्प की आकृति बनाकर उसपर दूर्वा लगाएं। मान्यता है इससे सर्प घर में प्रवेश नहीं करते और बुरी शक्तियों का नाश होता है। साथ ही आर्थिक लाभ देता है।
नाग पंचमी के दिन 'ऊं कुरु कुल्ले फट् स्वाहा' इस मंत्र का जाप करते हुए नाग देवता की पूजा कर, सर्पों के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। भूलकर भी इस दिन सांप को परेशान न करें। इससे कालसर्प दोष लगता है।
नाग पंचमी की पूजा में नीम, खीरा, नींबू, दही और चावल को मिलाकर एक विशेष पकवान बनाकर नाग और कुल देवी देवता को अर्पण करें। इसके बाद इस प्रसाद को ग्रहण करें, इससे निरोगी रहने आशीर्वाद मिलता है। इस दिन धान का लावा भी नाग देवता को चढ़ाना चाहिए।
नाग पंचमी पर नागों की स्वतंत्र पूजा ना करें, उनकी पूजा शिव जी के आभूषण के रूप में ही करनी चाहिए। जीवित सर्प को दूध पिलाना उनके लिए खतरनाक हो सकता है, इससे उनकी जान भी जा सकती है।
नाग पंचमी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त:- हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 की मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानी 22 अगस्त की रात्रि 02 बजे समाप्त हो जाएगी। इस तरह से नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त 2023, सोमवार के दिन है। नाग पंचमी पर भगवान शिव और नाग देवता की पूजा का विधान होता है। ऐसे में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक निर्धारित किया गया है।
नाग पंचमी 2023 शुभ योग:- इस वर्ष नाग पंचमी पर बहुत ही अच्छा और शुभ संयोग बन रहा है। नाग पंचमी का त्योहार सोमवार के दिन पड़ रहा है। सोमवार का दिन भगवान शिव का समर्पित है और यह सावन महीने का आठवां सोमवार भी होगा। वहीं नाग पंचमी के दिन 2 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। 21 अगस्त को सुबह से लेकर रात 09 बजकर 04 मिनट तक शुभ योग होगा। फिर इसके शुक्ल योग शुरू हो जाएगा। नाग पंचमी के दिन सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त होगा।
नाग पंचमी का महत्व:- नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष रूप से पूजा करने का महत्व होता है। सांपों से अपने परिवार की रक्षा करने के लिए नाग पंचमी पर्व का नागों की पूजा की जाती है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर इस दोष से छुटकारा मिलता है। नाग पंचमी पर सभी प्रमुख नाग मंदिरों में भारी भीड़ होती है। उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर वर्ष सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर नागदेवता की पूजा और दर्शन करने से कालसर्प खत्म हो जाता है। नाग पंचमी के दिन सांपो को दूध अर्पित किया जाता है। नाग पंचमी के दिन अनंत, तक्षक, कालिया और वासुकि समेत सभी नागों की पूजा की जाती है।
नाग पंचमी पूजन विधि:- नाग पंचमी का पर्व भगवान शिव के प्रिय नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित है। पूजन के लिए घर के दरवाजे के दोनों तरफ नाग की आठ आकृतियां बनाकर हल्दी, रोली, चावल, घी, कच्चा दूध, फूल एवं जल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें। इस दिन एक दिन पूर्व बनाए गए भोजन का भोग लगाने का विधान है। इसके अलावा शिवालयों में भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाने वाले तांबे के नाग की भी पूजा की जाती है। पूजन के बाद नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें।
मान्यता है कि नागपंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही नागदेवता की पूजा से घर में धन आगमन का स्रोत बढ़ता है। नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। नाग पंचमा के दिन पूजा के दारौन इस मंत्र का जाप जरूर करें। “ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम:।
नाग पंचमी 2023 और उपाय:- जिन लोगों की कुंडली में अगर कालसर्प दोष होता है तो उन्हें नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करें। नाग पंचमी के दिन चांदाी से बने नाग-नागिन की पूजा करे और इसके बाद इसे बहते हुए जल में अर्पित कर दें। कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। इससे कुंडली में मौजूद सभी दोष खत्म हो जाते हैं।