मुलेठी के काढ़े का सेवन मुख्य रूप से गले की जकड़न, सर्दी- खांसी से राहत के लिए किया जाता है। मुलेठी शरीर को वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाती है। यह इम्यूनिटी बूस्ट करती है।

मुलेठी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर की सूजन दूर करते हैं। सूजन के कारण होने वाले रोग जोड़ों का दर्द, अर्थराइटिस आदि में इसके काढ़े के सेवन से आराम मिलता है।
मुलेठी ओरल हेल्थ के लिए भी उपयोगी है।यह बैक्टीरिया को पनपने से रोकती है। सांसों की बदबू दूर करती है। प्लाक का जमाव रोकती है और दांतों को कैविटी से बचाती है।
मुलैठी पुरुषों में इंफर्टिलिटी को कम कर सकती है। इसके काढ़े के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
मुलेठी की हेपेटोप्रोटेक्टिव गतिविधि के कारण यह फैटी लीवर की समस्या को कम करने में उपयोगी है। इसका काढ़ा लिवर में एंजाइमों की गतिविधि में सुधार करता है।
मुलेठी में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इसका काढ़ा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
मुलेठी फ्री रैडिकल्स से त्वचा को होने वाले नुकसान और अन्य संक्रमणों से बचाती है। यह एजिंग के लक्षणों फाइन लाइंस, रिंकल्स, हाइपरपिग्मेंटेशन और डार्क सर्कल को भी ठीक कर सकती है।
मुलेठ स्कैल्प में रक्त संचार को बेहतर बनाती है। जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। और बाल कम झड़ते हैं और घने होते हैं।
इसके काढ़े के सेवन से पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस, अपच और कब्ज आदि से राहत मिलती है।
मुलेठी में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यानी यह मस्तिष्क के लिए बेहद फायदेमंद है। मुलेठी में मैग्नीशियम, कैल्शियम और बीटा कैरोटीन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो तनाव, अवसाद को दूर करने में मदद करते हैं।
मुलेठी महिलाओं के लिये फायदेमंद है खासकर मीनोपाॅज़ के बाद शरीर में हार्मोनल असंतुलन कारण उपजे लक्षणों से राहत देने में।
मुलेठी का काढ़ा ऐसे बनाएं:- मुलेठी का काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी गर्म करें। इसमें मुलेठी का एक टुकड़ा या एक चम्मच पाउडर डालें।
आप साथ में पुदीने, तुलसी की पत्तियां, किसी अदरक और कुटी काली मिर्च भी डाल सकते हैं।
इस पानी को तब तक उबालें जब तक यह आधा रह जाए। अब इसे छान लें और हल्का गुनगुना होने पर शहद डालकर सुबह खाली पेट पिएं।