पौराणिक मान्यता के अनुसार माता सती की बायां कपाल महानदी के पास स्थित पहाड़ी में गिरा था। मंदिर की मूर्ति चंद्रमा आकार की होने के कारण चंद्रहासिनी या चंद्रसेनी दाई कहा जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है, और इसलिए यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है।