हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व माना जाता है पति की लम्बी उम्र के लिए यह व्रत रखा जाता है.
वट सावित्री का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर रखा जाता है. इस बार यह व्रत 26 मई को रखा जाएगा.
सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखती है.
शादीशुदा महिलाएं इस दिन शिवजी और मां पार्वती की पूजा करती हैं साथ ही बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना भी करते हैं.
कुंवारी लड़कियां भी वट सावित्री व्रत रखती है, कुंवारी लड़कियां भविष्य में अच्छे पति की कामना के लिए करती हैं.
कुंवारी लड़कियां भी वट सावित्री व्रत की विधि को उसी तरह से पालन कर सकती हैं जैसे विवाहित महिलाएं करती हैं.
कुंवारी लड़कियां स्नान कर घर की सुहागिन महिलाओं से पहले ही वट वृक्ष की पूजा कर लें.
बरगद के पेड़ की पूजा के बाद दूध और जल पेड़ तो जरूर अर्पित करें फिर 21 या 51 बार पेड़ की परिक्रमा करें.
परिक्रमा के बाद भगवान शिव और माँ पार्वती का ध्यान करें. इससे आपको अच्छे पति और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त होता है.