भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) यानी आईएएस ऑफिसर भारतीय नौकरशाही में टॉप पर होता है.
मंत्री के बाद सबसे ज्यादा ताकतवर एक आईएएस अधिकारी ही होता है. इसलिए आईएएस ऑफिसर बनना हर किसी का सपना होता है.
आईएएस बनने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (CSE) क्लियर करना होता है.
सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में होती है और तीनों चरण में सफल होना आवश्यक है.
पहले चरण में प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary examination), सिविल सर्विस (मेन्स) (Civil Services Mains) और आखरी चरण में इंटरव्यू (Interview) होता है.
सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद चयनित उम्मीदवारों को दो साल के आईएएस ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है.
आईएएस ट्रेनिंग के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में भेजा जाता है.
ट्रेनिंग में कानून, लोक प्रशासन, अर्थशास्त्र और भारतीय राजनीति, सांस्कृतिक, ट्रैकिंग, साहसिक खेल, घुड़सवारी, स्वयंसेवा, क्रॉस-कंट्री रन आदि के बारे में सिखाया जाता है.
मसूरी LBSNAA में आईएएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ट्रेनी आईएएस को अलॉट किए गए कैडर के किसी जिले में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है.
ट्रेनिंग के बाद अलॉट किए गए कैडर में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर या एसडीएम के पद पर नियुक्त किया जाता है.