जानिये छत्तीसगढ़, राजस्थान, मालवा, बुंदेलखंड, पंजाब, हरियाणा में बेटी को क्या कहकर पुकारते हैं. भोजपुरी का शब्द सुनकर तो उमड़ पड़ेगा प्यार...
बेटी... मतलब प्यार की ठंडी फुहार, निश्छल हृदय और जब-तब मुस्कान की बहार, रंगों सी खिली-खिली, अपनों से हिली-मिली...बेटी हर घर की जान है, बेटियों से ही जीवंत होता ईंट-पत्थर का मकान है। आपकी बिटिया भी ऐसी ही है न!
बेटी की घर के लिए अहमियत तो सभी जानते हैं। पर क्या आप ये जानते हैं कि छत्तीसगढ़ी बोली में बेटी को क्या कहते हैं? चलिए बताते हैं आपको।
छत्तीसगढ़ी बोली में बेटी को 'नोनी' कहकर बुलाते हैं। है न बहुत ही प्यारा संबोधन।
बेटी को पुकारने के लिए विभिन्न प्रांतों में अलग शब्दों का चलन है जैसे छत्तीसगढ़ में 'नोनी' तो राजस्थान में 'लाली'।
मालवा में बेटी को 'नन्नी' और 'छोरी' कहकर पुकारते हैं।भोजपुरी बोली में बेटी को बड़े मनुहार से 'बबुनी' कहकर बुलाते हैं। हरियाणवी में बेटी के लिए 'छोरी' शब्द का ही इस्तेमाल होता है। वहीं पंजाब में कहते हैं 'कुड़ी' या कुड़िये तो बुंदेलखंड में कहते हैं मोड़ी।
बेटी को जिस भी रूप में पुकारें, दिल में प्यार तो उमगना ही है, है न! आपके यहां बेटी को क्या कहकर पुकारते हैं, कमेंट करके बताइयेगा ज़रूर।