सोशल मीडिया एक आदत बन गया है, लेकिन हम मानसिक शांती के लिए डिजिटल डिटॉक्स अपना सकते हैं.
लगातार नोटिफिकेशन और अपडेट्स से दिमाग पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है जब आप डिजिटल डिटॉक्स अपनाते हैं. इससे तनाव और चिंता दोनों में फर्क महसूस होता है.
सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल नींद खराब करता है. लेकिन स्क्रीन टाइम घटाने से नींद गहरी और संतुलित होने लगती है.
डिजिटल डिटॉक्स आपको बिना रुकावट काम करने का मौका देता है, जिससे आपकी प्रोडक्टिविटी में जबरदस्त सुधार आता है.
जब आप फोन से ध्यान हटाकर अपनों के साथ समय बिताते हैं, तो रिश्तों में नज़दीकियां बढ़ती हैं.
सोशल मीडिया की तुलना की दौड़ से दूरी बनाकर आप खुद की उपलब्धियों को सराहना सीखते हैं, जिससे आत्मसम्मान बढ़ता है.
डिजिटल ब्रेक के दौरान जब दिमाग खाली होता है, तो नए आइडिया और सोचने की क्षमता में इज़ाफा होता है.
डिजिटल डिटॉक्स से समय का बेहतर मैनेजमेंट संभव होता है, जिससे आप निजी और पेशेवर जिंदगी के बीच सही तालमेल बैठा पाते हैं.