हरियाली तीज पर सभी महिलाएं हरे रंगे के कपड़े पहनकर तैयार होती है, आज हम आपको बताएंगे हरा रंग पहनने के पीछे का कारण.
सावन मास के दौरान जब चारों ओर हरियाली छा जाती है, हरा रंग धरती की उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
हरा रंग जीवन की ऊर्जा, नई शुरुआत और मन की ताजगी का भी प्रतीक है, जो महिलाओं के श्रृंगार में गहराई से झलकता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरा रंग भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. हरियाली तीज, शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का पर्व होने से यह रंग और भी खास बन जाता है.
मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव को पति रूप में पाने के लिए वर्षों तक कठोर तप किया. यह पर्व उसी श्रद्धा और निष्ठा की स्मृति में मनाया जाता है.
महिलाएं इस दिन विशेष श्रृंगार करती हैं, जिसमें हरे रंग की चूड़ियां और परिधान शुभ माने जाते हैं. यह उनके सौभाग्य का प्रतीक होता है.
हरियाली तीज धार्मिक अनुष्ठान के साथ प्रेम, त्याग और रिश्तों की मिठास को मनाने का पर्व भी है, जिसमें रंगों का खास महत्व है.
इस दिन महिलाएं झूले पर झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और पारंपरिक पकवान बनाती हैं. यह पर्व सामूहिक एकता और उत्साह का भी प्रतीक है.