छत्तीसगढ़ के त्यौहार बेहद खास होते हैं, 24 जुलाई को पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली मनाया जाएगा.
हरेली त्यौहार कृषि कार्यों की शुरुआत का प्रतीक है, जिसे किसान खुशी से मनाते हैं और खेतों में हरियाली बनाए रखने की कामना करते हैं.
किसान इस दिन अपने कृषि औजारों की पूजा करते हैं, साथ ही गाय-बैल को नहला कर और सजा कर सम्मानित करते हैं.
माताएं गुड़ का चीला बनाती हैं, और घर-घर विशेष पकवान तैयार किए जाते हैं, जैसे चीला रोटी.
हरेली के दिन बच्चे और युवा गेंड़ी खेलते हैं और गेंड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं.
नीम की टहनी घर में टांगना और सुरक्षा के लिए पूजा करना हरेली की खास परंपरा है.
नारियल फेंक प्रतियोगिता हरेली पर्व का एक प्रमुख खेल है, जो युवाओं में बेहद लोकप्रिय है.
हरेली से खेतों में कीटों और बिमारियों का नाश होने की मान्यता है, जिससे यह कृषि के लिए शुभ होता है.