मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है
ना वो इंकार करती है, न वो इकरार करती है। कमबख्त मेरे ही सपने में आकर, मेरे दोस्तों से प्यार करती है।।