ऐसा मानना है की चन्द्र देव को गणेश जी का श्राप है की भाद्रपद मॉस की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जो कोई भी चन्द्र देव का दर्शन करेगा उसे मिथ्या कलंक लगेगा। परन्तु अगर सम्पूर्ण विधि विधान का साथ गणेश जी का पूजन करने के पश्चात हाथ में कोई फल आदि लेकर श्री चन्द्र देव का दर्शन किया जाए तो यह दोष नहीं लगता है।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि:- गणेश चतुर्थी पर्व के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें।फिर शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं और मंत्रोंच्चारण के साथ भगवान गणेश को स्थापित करें।