बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक पर्व दशहरा बड़े ही धूमधाम से बनाया जाता है.
दशहरा के दिन शमी के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है. शमी की पूजा से हर समस्या दूर होती है साथ ही धन की प्राप्ति होती है.
दशहरा में शमी के पेड़ की पूजा के पीछे धार्मिक मान्यता है जो रामायण और महाभारत काल से जुड़ी है.
रामायण की कथा के अनुसार, रावण से युद्ध से पहले भगवान राम ने शमी के पेड़ के सामने प्रणाम कर जीत की कामना की थी.
महाभारत काल के दौरान, जब पांडव अज्ञातवास पर निकले तब उन्होंने शमी के पेड़ में ही अपने सभी शस्त्र छिपा दिए थे, अज्ञातवास के 12 साल बाद भी शस्त्र सुरक्षित थे.
माना जाता है कि शमी के पेड़ में भगवान शिवजी का वास होता है. शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शमी वृक्ष शनि देव का प्रिय है इसकी पूजा से शनि दोष खत्म होता है.
मान्यता है शमी के पत्ते सोने के समान शुभ होते हैं. इसे घर में रखने से लक्ष्मी का वास होता है जिससे घर में धन-समृद्धि बढ़ती है.