देव दीपावली बनारस का सबसे बड़ा और खूबसूरत पर्व माना जाता है. देव दीपावली देवताओं की दीपावली होती है. इस दिन देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और काशी नगरी में दीपावली मनाते हैं.
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है इस साल 5 नवंबर को मनाया जायेगा, इस दिन लाखों दीप से बनारस- काशी जगमगा उठता है.
मान्यता है कि इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा की रात भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था जिसके उत्साह में देवताओं ने दीप जलाए थे.
पौराणिक कथा के अनुसार, तारकासुर के 3 पुत्र थे- तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली थे. तीनो को एक साथ त्रिपुरासुर कहा जाता है.
कार्तिकेय ने जब तारकासुर का वध किया था तो तीनो बेटो ने बदला लेने की ठान ली. तीनो बेटो ने ब्रह्मा जी की तपस्या कर उनसे अमरता का वरदान लिया.
त्रिपुरासुर यानी तीनो ने, तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया जिसके देवता गण भगवान शिव से मदद मांगी.
भगवान शिव ने भगवान विष्णु , चंद्रमा, पृथ्वी, वासुकी नाग, मेरू पर्वत की मदद से त्रिपुरासुर का वध कर उसके आतंक से देवताओं को मुक्त कराया.
जिस दिन त्रिपुरासुर का वध हुआ उस दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिन था, उस दिन देवताओं ने काशी में गंगा तट पर दीप जलाकर उत्सव मनाया.