दिवाली के 6 दिन बाद कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व मनाया जाता है.
चार दिन चलने वाला यह त्यौहार इस साल 25 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 28 अक्टूबर 2025 तक चलेगा
छठ पर्व में छठी मैया यानी देवी षष्ठी और सूर्यदेव की पूजा की जाती है. छठी मैया संतान की रक्षा करने वाली देवी है.
हिंदू मान्यता के अनुसार, छठी मैया को देवी षष्ठी कहा जाता है भगवान सूर्यदेव की बहन और ब्रह्मा जी की मानस पुत्री है.
जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तब संतानों की रक्षा और वृद्धि के लिए देवी षष्ठी की रचना की. वे संतान की रक्षा करती हैं.
बच्चे के जन्म के बाद 6 दिन तक उनके पास रहती हैं. और उनकी रक्षा करती है. छठी मैया की कृपा से संतानें निरोगी, दीर्घायु और भाग्यशाली होती है.
छठी मैया भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्रवधू यानी भगवान कार्तिक की पत्नी है. इसलिए उन्हें देवसेना भी कहा जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं इसलिए छठ देवी को प्रसन्न करने के लिए एक साथ दोनों की पूजा की जाती है.