छठ पूजा का कोई भी काम करने से पहले स्नान कर लें और नए कपड़े पहनें, फिर पूजा का काम शुरू करें.
छठ पूजा का व्रत निर्जला होता है और प्रसाद आदि बनाते समय नमक को छूना भी नहीं चाहिए.
छठ पूजा का प्रसाद तैयार करने से पहले गंगाजल से हाथ साफ कर लेने चाहिए, फिर प्रसाद तैयार करना चाहिए.
छठ पूजा के लिए अलग चूल्हा रखें या फिर अलग कमरे में चूल्हे पर प्रसाद तैयार करें. छठ पूजा वाले कमरे में हर किसी को नहीं जाना चाहिए.
छठ पूजा पर भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. ऐसे में सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल के साथ दूध भी अर्पित करें.
छठ पूजा में छठी मैया की पूजा का विधान है. ऐसे में प्रसाद से भरे सूप से छठी माता की पूजा करें.
छठ पूजा के दिनों में इस पर्व से जुड़ी कथा पढ़ें। कथा पढ़ने से व्रत पूरा होता है.
भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं, इससे पहले प्रसाद ग्रहण करने से व्रत टूट जाता है.
बिना स्नान किए पूजा की किसी भी वस्तु को न छुएं. इससे इसकी पवित्रता भंग हो जाएगी.
छठ पूजा से पहले घर में मांसाहारी भोजन करना बंद कर दें. किसी भी परिस्थिति में आपको अपने घर में मांसाहारी भोजन, धूम्रपान, शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
छठ पूजा के दौरान भोजन में लहसुन और प्याज का उपयोग करने से बचना चाहिए.
छठ पूजा के दौरान कभी भी पुरानी टोकरी का उपयोग नहीं करना चाहिए.