Chandrayaan 3: आखिर पृथ्वी के चक्कर काटते हुए क्यों चंद्रमा तक पहुंचता है चंद्रयान, सीधे क्यों नहीं करता सफर?...
Chandrayaan 3: आखिर पृथ्वी के चक्कर काटते हुए क्यों चंद्रमा तक पहुंचता है चंद्रयान, सीधे क्यों नहीं करता सफर?...
चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को LVM3 M4 (एलवीएम3 एम4) रॉकेट के माध्यम से चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लॉन्च किया गया था। मगर चंद्रयान 3 फिलहाल पृथ्वी के चक्कर लगाता हुआ चांद की तरफ रुख कर रहा है।
Chandrayaan 3: आखिर पृथ्वी के चक्कर काटते हुए क्यों चंद्रमा तक पहुंचता है चंद्रयान, सीधे क्यों नहीं करता सफर?...
ऐसे में लोगों के मन में अक्सर सवाल उठता है कि चंद्रमा के मिशन पर निकलें चंद्रयान 3 ने पृथ्वी के चक्कर क्यों लगाए? यह सीधे चंद्रमा की कक्षा तक क्यों नहीं। पहुंच जाता?
Chandrayaan 3: आखिर पृथ्वी के चक्कर काटते हुए क्यों चंद्रमा तक पहुंचता है चंद्रयान, सीधे क्यों नहीं करता सफर?...
चंद्रयान 3 का मकसद चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना है चंद्रयान 3 के मिशन को पूरा होने में लगभग 40 दिन का वक्त लगने वाला है। लॉन्च किए जाने के बाद से चंद्रयान 3 पृथ्वी के चक्कर लगाता हुआ चांद की तरफ रुख कर रहा है।
दरअसल, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकलने के लिए बूस्टर या कहे शक्तिशाली रॉकेट यान की जरूरत होती है। अगर आप सीधे चांद पर जाना चाहते हैं, तो आपको बड़े और शक्तिशाली रॉकेट की जरूरत होगी।
इसमें ईंधन की भी अधिक आवश्यकता होती है, जिसका सीधा असर प्रोजेक्ट के बजट पर पड़ता है। यानी अगर हम चंद्रमा की दूरी सीधे पृथ्वी से तय करेंगे तो हमें ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के दौरान चंद्रयान 3 सेटेलाइट में मौजूद उर्जा का इस्तेमाल कर गति को तेज करते हुए अपनी रेंज बढ़ाता जाएगा।
जैसे ही चंद्रयान 3 चंद्रमा की कक्षा के निकट आएगा यह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। इस प्रक्रिया को टीएलआई कहा जाता है। नीचे दी गई तस्वीर के माध्यम से आप इसे समझ सकते हैं।
इसरो के एक अधिकारी के मुताबिक टीएलआई की प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा और उस पथ पर अग्रसर हो जाएगा, जो उसे चंद्रमा के करीब ले जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक, दूसरे शब्दों में कहें तो एक अगस्त को टीएलआई प्रक्रिया पूरी होने के बाद यान पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा और चंद्रमा के करीब पहुंचने के अपने सफर की शुरुआत करेगा।
टीएलआई प्रक्रिया चंद्रयान-3 को लूनार ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी (चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेपवक्र) यानी चंद्रमा की कक्षा में दाखिल होने के सफर पर ले जाएगी। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश करेगा।