चंद्र ग्रहण खगोलीय, धार्मिक और ज्योतिषीय तीनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका सीधा प्रभाव देश-दुनिया की गतिविधियों से लेकर पूजा-पाठ और व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है।
हिंदू धर्म में इसे अशुभ अवधि के रूप में जाना जाता है, इसलिए इसके आरंभ से समापन तक कई नियमों का पालन किया जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, इसका असर 12 राशियों और 27 नक्षत्रों पर पड़ता है, जिससे कुछ जातकों को लाभ, तो कुछ की परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
इस वर्ष 7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसका दृश्य भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
ऐसा माना जाता है कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इससे धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं।
चंद्र ग्रहण 2025 का समय:- यह रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा। ग्रहण का समापन देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर है। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।
कहां-कहां लगेगा चंद्र ग्रहण:- यह चंद्र ग्रहण भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, एशिया, यूरोप, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी नजर आएगा।
सूतक काल समय:- ज्योतिषियों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण की शुरुआत से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है। इसलिए 7 सितंबर को दोपहर 12: 59 मिनट से सूतक काल शुरू होगा।
इसके प्रारंभ से लेकर ग्रहण के समापन तक ध्यान और मंत्र जाप करना चाहिए। यह बेहद शुभ होता है। इसके अलावा आप भगवान की मूर्तियों को स्पर्श और यात्राएं न करें।
साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण न्याय के कारक शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लगने वाला है। ऐसे में जिन भी जातकों का जन्म इस नक्षत्र में हुआ है उनपर विशेष कृपा बनी रहेगी।
इन राशियों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव:- चंद्र ग्रहण मेष, वृषभ, कन्या और धनु राशि वालों के लिए शुभ रहने वाला है। वही मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को सभी क्षेत्र में सावधानियां बरतनी होगी।
ग्रहण में क्या नहीं करें:- ग्रहण की अवधि में सोना नहीं चाहिए। बाल या नाखून भी नहीं काटना चाहिए। रसोई का कोई काम नहीं करना चाहिए। भोजन ग्रहण भी नहीं करना चाहिए।
पूजा-पाठ और भगवान की मूर्तियों, कोई भी खरीदारी, शरीर पर तेल, गर्भवती महिलाएं बाहर नहीं निकले, आसमान को नहीं देखना, और सुई से जुड़ा कोई भी काम नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के समय क्या करना चाहिए:- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय इन तीन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
भगवान विष्णु गायत्री मंत्र:- (1) ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात:, भगवान विष्णु का बीज मंत्र:- (2) ॐ बृं बृहस्पतये नमः