महिलाओं की इन गुणों से खिंची चली आती हैं मां लक्ष्मी
आचार्य चाणक्य को न सिर्फ एक महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री माना जाता है, बल्कि उन्हें मानव स्वभाव और पारिवारिक संबंधों की भी गहरी समझ थी. ऐसा ही आचार्य चाणक्य के नीति में महिलाओं को लेकर एक विशेष बात कही गई है.
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, इन 5 गुणों से युक्त महिलाएं मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाती हैं. साथ ही ये जिस परिवार में रहती हैं, वहां हमेशा सुख-समृद्धि की वर्षा होती रहती है. ऐसे में आइए चाणक्य नीति के अनुसार जानते हैं...
धैर्य और आत्म-संयम:- चाणक्य के अनुसार, जिस महिला में धैर्य होता है, वह परिवार की सबसे बड़ी शक्ति होती है. जीवन हमेशा एक समान नहीं रहता. उतार-चढ़ाव आने पर जो स्त्री विचलित हुए बिना संयम से काम लेती है.
बुद्धिमानी और कुशलता:- एक समझदार महिला घर की असली मार्गदर्शक होती है. चाणक्य नीति कहती है कि बुद्धिमान स्त्री को इस बात का भान होता है और उसे पता होता है कि कौन सा कदम परिवार के भविष्य के लिए लाभकारी होगा.
ममता और निस्वार्थ प्रेम:- आचार्य चाणक्य के अनुसार, प्रेम और ममता एक महिला के सबसे दिव्य आभूषण हैं. जिस घर की स्त्री स्नेही और दयालु होती है, वहां विवाद और कलह कभी नहीं टिकते. एक स्त्री का प्यार ही पूरे परिवार को एक सूत्र में पिरोकर रखता है.
ईमानदारी:- चाणक्य कहते हैं कि जो महिला स्पष्टवादी और ईमानदार होती है, वह अपने परिवार की सबसे मजबूत स्तंभ होती है. छल-कपट और झूठ से दूर रहने वाली स्त्री अपने आचरण से परिवार के अन्य सदस्यों का विश्वास जीतती है, जिससे आपसी रिश्तों में मजबूती आती है.
संस्कारों:- आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो महिला अपनी संस्कृति, मर्यादा और पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करती है, वह साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप होती है.
ऐसी महिलाएं न सिर्फ अपने से बड़ों का आदर करती हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी उच्च संस्कार देती हैं. जिस घर में संस्कारों का पालन होता है, वहां सुख, समृद्धि और मान-सम्मान का हमेशा वास होता है.