चाणक्य कहते हैं, खूब मेहनत से पैसा कमाएं, सचेत रहकर बचाएं और उसे खर्च करने का सही तरीका भी जानें।चाणक्य के अनुसार पैसे को निवेश, रक्षा और दान में खर्च करें।

हाथ का पैसा मनुष्य का सच्चा दोस्त होता है। उसे फिजूलखर्ची में न उड़ाएं। वरना अर्श से फर्श पर आने में समय नहीं लगेगा।
यदि आप महालक्ष्मी की कृपा चाहते हैं तो अपनी कमाई में से कुछ हिस्सा निस्वार्थ भाव से दान भी करें। इससे आपके पाप भी धुलते हैं और महालक्ष्मी आप पर प्रसन्न होती हैं।
चाणक्य कहते हैं कि लगातार अपना ज्ञान बढ़ाने पर ध्यान दें। ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति धन कमाने में अधिक सक्षम होता है।
समय का महत्व समझें और उसे योजनाबद्घ तरीके से खर्च करें। अपने एक-एक पल को बर्बाद होने से बचाएं और उसका सदुपयोग करें।
अपने संकल्प पर डटे रहें। निरंतर प्रयास और मेहनत करने वाले साधारण आदमी पर महालक्ष्मी की कृपा स्वतः बरसने लगती है।
ईश्वर में भरोसा रखें। भक्ति से बल मिलता है और आप अधिक मेहनत कर पाते हैं। ईश्वर में भरोसा आपको असफलता के दौरान भी फिर प्रयास करने की शक्ति देता है।
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