इन लोगों का साथ यानि मृत्यु का कारण, जानिए

आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति एक महान ग्रंथ है, जिसमें जीवन, राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था और नैतिकता से जुड़ी व्यवहारिक बातें वर्णित हैं।
उन्होंने व्यक्ति के निजी जीवन को लेकर काफी गहराई से अध्ययन किया है और फिर उसके बाद अपनी नीतियों के माध्यम से बड़ी-बड़ी काम की बातें बताई हैं।
ऐसे ही उन्होंने नीति शास्त्र के एक श्लोक में बताया है कि किन लोगों का साथ नहीं रहना चाहिए।
श्लोक है- दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः । ससर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः ।।
चाणक्य नीति के अनुसार, अगर आप इन 4 लोगों के साथ रहते हैं और जीवन जीते हैं, तो आपका जीवन मृत्यु के समान हो सकता है।
एक गुस्सैल पत्नी, कड़वे वचन बोलने वाली महिला, धोखा देने वाली स्त्री और धूर्त दोस्त जीवन के लिए खतरा हैं।
गुस्सैल स्वभाव का मित्र, मुंहफट नौकर और सांप वाले घर में रहना भी मृत्यु के समान है।
श्लोक का अर्थ है कि एक झूठा या दृष्ट प्रवृति का मित्र किसी दुश्मन से कम नहीं है। अगर आपका मित्र भी झूठा है, तो ऐसे दोस्त का साथ छोड़ देना चाहिए।
नौकर को लेकर आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपका नौकर दुष्ट प्रवृति का है, तो इससे भी आपके लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं।
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।