चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ खास जगहों से दूरी बनाना ही समझदारी होती है, वरना जीवन में अपमान और कष्ट मिलते हैं.
जहां रोजगार या काम की संभावना न हो, वह स्थान चाहे जितना भी सुंदर क्यों न हो, वहां रुकना व्यर्थ है.
अगर किसी जगह पर आपके अपने, जैसे मित्र, परिवार या जान-पहचान वाले न हों, तो वो जगह संकट में अकेला छोड़ देता है.
जहां शिक्षा की कद्र न हो या पढ़ाई के अवसर न हों, वहां बुद्धि का विकास रुक जाता है ऐसे स्थान को तुरंत छोड़ देना चाहिए.
अगर किसी स्थान पर लोगों में कोई गुण या संस्कार न हो, वहां रहने से खुद के चरित्र पर भी असर पड़ सकता है.
चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को ऐसा वातावरण चुनना चाहिए जहां उसे विकास, सम्मान और साथ मिले.
ये 5 स्थान मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से व्यक्ति को कमजोर बना सकते हैं.