चाणक्य नीति के अनुसार, इंसान के जीवन में कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो भाग्यशाली लोगों को ही प्राप्त होती हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन में किसी के पास पर्याप्त भोजन और उसे पचाने की शक्ति हो, तो वह सौभाग्यशाली होता है.
सिर्फ भोजन होना काफी नहीं, बल्कि अच्छी पाचनशक्ति भी सुखी जीवन के लिए ज़रूरी है.
एक गुणवान और समर्पित जीवनसाथी का मिलना, जिसे चाणक्य अद्भुत सौभाग्य मानते हैं.
योग्य जीवनसाथी मिलने से व्यक्ति का भाग्य खुलता है और जीवन स्थिर होता है.
तीसरी बात है पर्याप्त धन का होना और उसमें से दान करने की शक्ति और भावना रखना.
धनवान होना ही नहीं, उसे जरूरतमंदों की मदद में लगाना सच्चे भाग्य की निशानी है.
ये तीनों चीजें भोजन, पाचनशक्ति, श्रेष्ठ जीवनसाथी, और दानशीलता पूर्व जन्म के अच्छे कर्मों का फल होती हैं.
आज के दौर में भी अगर किसी व्यक्ति के पास ये तीनों चीजें हैं, तो वह भाग्यशाली कहा जा सकता है.