आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में सफलता की राह पर आगे बढ़ने के लिए कुछ बातें बताई है,
सीधा वृक्ष कभी नहीं रहना चाहिए, व्यक्ति को कभी भी सीधा नहीं रहना चाहिए, बल्कि टेढ़ा यानी चतुर होना चाहिए.
निश्चितता को न होने दें अपने से दूर, जो व्यक्ति निश्चित का आश्रय छोड़कर अनिश्चितता को अपनाता है, उनके लिए निश्चितता भी नष्ट हो जाता है.
प्रतिदिन कुछ नया सीखें: व्यक्ति को हर दिन एक श्लोक, आधा श्लोक, चौथाई श्लोक या श्लोक का केवल एक अक्षर सीखना चाहिए.
दान और पुण्य करें, व्यक्ति को दान, अभ्यास या कोई पवित्र कार्य करना चाहिए.
चतुर और बुद्धिमान बनें, व्यक्ति को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चतुर और बुद्धिमान बनना चाहिए.
व्यक्ति को सही समय पर सही निर्णय लेना चाहिए.
अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें, व्यक्ति को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए.
कठिन परिश्रम करें, व्यक्ति को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए.
निरंतर प्रयास करें, व्यक्ति को निरंतर प्रयास करना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए.