आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ खास जगहों पर पैसा खर्च करने से माँ लक्ष्मी खुश होती हैं.
चाणक्य के अनुसार ज़रूरतमंदों को दान देने से पुण्य तो मिलता ही है, साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी जीवन में बनी रहती है.
गरीबों की शिक्षा और भोजन में किया गया खर्च लक्ष्मी को बेहद प्रिय होता है, जिससे धन में बरकत होती है.
समाज की भलाई में किया गया खर्च न केवल सेवा है बल्कि लक्ष्मी को रिझाने का सरल उपाय भी है.
धार्मिक आयोजनों, मंदिर निर्माण या पूजा-पाठ में धन लगाने से मां लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं.
साफ दिल और सही भावना से किया गया दान जीवन में कई गुना फल देता है यही चाणक्य का सिद्धांत है.
सेवा कार्यों में लगाया गया पैसा आपको सम्मान, संतोष और लक्ष्मी तीनों का वरदान देता है.
भूखों को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य है इससे लक्ष्मी कभी रूठती नहीं.
राष्ट्र और संस्कृति से जुड़ी चीजों में किया गया निवेश आपको सामाजिक सम्मान के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि भी देता है.
पैसा तभी फलता-फूलता है जब वह सही जगह लगाया जाए और सत्कर्मों से बेहतर जगह कोई नहीं.