आचार्य चाणक्य का मानना था कि मन पर नियंत्रण ही सफलता की पहली सीढ़ी है.
जो व्यक्ति कम उम्र से ही अपने मन को संयमित करना सीख लेता है, वह जीवन में जल्दी सफल होता है.
मन की इच्छाओं पर नियंत्रण न रखने वाले लोग अक्सर जीवन के बड़े फैसलों में गलतियां कर बैठते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि आत्मअनुशासन ही जीवन को व्यवस्थित और शांतिपूर्ण बनाता है.
जिनका मन भटकता है, वे समय और ऊर्जा दोनों व्यर्थ कर देते हैं.
मन पर काबू रखने वाला इंसान हर चुनौती का सामना धैर्य और विवेक से करता है.
चाणक्य नीति के अनुसार, सही निर्णय वही ले सकता है जो अपने मन का मालिक हो.
जीवन में दूसरों से आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले अपने भीतर की कमजोरी पर जीत पाना जरूरी है.