चाणक्य ने शादीशुदा पुरुषों को कुछ चीजों से दूर रहने की बात कही है.
विवाह के बाद किसी और स्त्री से रिश्ता रखना विवाहित जीवन को बर्बाद करने वाली सबसे बड़ी गलती है.
शादी के बाद किसी भी स्त्री को कामुक नजरों से देखना उचित नहीं. हर स्त्री में मां, बहन या बेटी का रूप देखना चाहिए.
पति, पत्नी के घरवालों को कमतर आंकते हैं. चाणक्य नीति कहती है कि ऐसा करना रिश्ते में दरार डाल देता है और दोनों परिवारों में दूरी बढ़ती है.
विवाहित पुरुष को कभी भी अपनी शादी की सच्चाई नहीं छुपानी चाहिए. ऐसा करना धोखा होता है, रिश्ते भी खत्म हो सकते हैं.
जो पुरुष शादी के बाद भी अपने बीते दिनों को याद कर वर्तमान से भागते हैं, उनका वैवाहिक जीवन कभी सुखी नहीं रह सकता.
पत्नी को आत्मनिर्भर और निर्णय लेने में स्वतंत्र रखना चाहिए. पति हर बात में हस्तक्षेप करेगा तो रिश्ता बोझ बन जाएगा.
चाणक्य कहते हैं कि सच्चा पुरुष वही होता है जो हर कठिनाई में अपने परिवार के साथ मजबूती से खड़ा रहता है.