आचार्य चाणक्य ने जीवन के सभी पहलू को लेकर विशेष जानकारी दी है.
आचार्य चाणक्य ने शादीशुदा जीवन में प्यार बरकरार रखने के लिए भी जानकारी दी है.
रिश्ते में आधा सच और आधा झूठ ना बोलो, इससे भरोसा टूटता है और प्यार में जहर घुलता है.
चाणक्य कहते हैं कि रिश्ते में खुद को आइने की तरह साफ रखो, ईमानदारी से पेश आओ,
एक जैसा सोचने से ज्यादा ज़रूरी है जिससे दोनों मिलकर सोचें और मिलकर हल निकालें.
प्यार और शादी दोनों में पार्टनर को बराबरी का दर्जा देना बहुत जरूरी होता है.
छोटे-छोटे त्याग रिश्तों की नींव मजबूत करते हैं, कभी-कभी अपनी पसंद को भी नजरअंदाज करना पड़ता है.
'तुम' और 'मैं' छोड़कर जब कपल्स 'हम' में सोचते हैं, तभी रिश्ता सही मायने में आगे बढ़ता है.
अपने फैसले पार्टनर पर थोपने से बचो, हर इंसान को अपने तरीके से जीने की आज़ादी मिलनी चाहिए.
भरोसा रिश्ते की जान है, अगर वो नहीं है तो रिश्ता ज्यादा दिन नहीं टिकता.
घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी अगर साथ निभाओगे, तो प्यार में कभी दरार नहीं आएगी.