आचार्य चाणक्य के अनुसार स्नान शरीर की सफाई नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि का भी माध्यम है.
रोज सुबह स्नान करने से शरीर ताजगी से भर जाता है और चेहरे पर चमक आती है. आती है.
लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियां ऐसी हैं जिनके बाद स्नान करना और भी अधिक आवश्यक माना गया है.
अगर आप किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर श्मशान से लौटे हैं, तो घर आकर तुरंत स्नान करें.
मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण की शुद्धि होती है.
तेल मालिश के बाद स्नान करना स्वास्थ्य की दृष्टि से जरूरी है, ताकि रोमछिद्रों में जमा गंदगी बाहर निकल जाए.
शारीरिक संबंध के बाद भी स्नान करना आवश्यक है ताकि शरीर फिर से शुद्ध हो सके.
बाल कटवाने के बाद भी स्नान करना चाहिए