आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ लोगों से बहस करने से बचना चाहिए ताकि हम खुद की बेइज्जती और मानसिक तनाव से बच सकें.
अंहकारी व्यक्ति से बहस करने का कोई फायदा नहीं होता. ऐसे लोग कभी भी दूसरों की बात नहीं सुनते और अपनी बात को ही सही मानते हैं.
जिन लोगों का कोई सामाजिक आधार नहीं होता, उनके साथ बहस करने का प्रयास भी व्यर्थ है. चाणक्य ने कहा है कि ऐसे लोगों को समझाना बहुत कठिन होता है.
जिन लोगों को किसी भी विषय पर ज्ञान नहीं होता और जो सिर्फ विवाद करते रहते हैं, उनसे बहस करना व्यर्थ है. ऐसे लोग कभी भी अपनी गलतियों को नहीं मानते.
जो लोग बिना तर्क के अपनी बात पर अड़े रहते हैं, उन्हें समझाना, उनसे बहस करना समय की बर्बादी है. चाणक्य ने कहा है कि ऐसे मूर्ख लोगों से जितना हो सके, दूर रहना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे लोगों से बहस करने के बजाय चुप रहना और अपने समय और ऊर्जा को बचाना ज्यादा फायदेमंद होता है.
बहस करने से खुद को ही नुकसान होता है, खासकर तब जब सामने वाला व्यक्ति किसी भी तर्क को नहीं मानता.
समझदार व्यक्ति कभी भी ऐसे लोगों से बहस नहीं करते, जो अपनी गलती नहीं मानते.