अच्छी सेहत के लिए शरीर को सभी तरह पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है.
ये पोषक तत्त्व लोगों को स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए बेहद जरुरी है.
पोषक तत्त्व की पूर्ति के लिए उचित आहार के सेवन की सलाह दी जाती है.
आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीति में भोजन के बारे में भी जरूरी बताई है.
चाणक्य नीति के अनुसार, स्वस्थ रहने के लिए पिसा हुआ अन्न, दूध, मांस और घी का सेवन जरूरी है.
चाणक्य के अनुसार, खड़े अन्न से दस गुना ज्यादा पौष्टिक पिसा हुआ अन्न होता है.
दूध को पिसे हुए अन्न से दस गुना ज्यादा पौष्टिक है, ये हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है.
दूध से आठ गुना अधिक लाभ मांस में होता है पर मांस से भी ज्यादा फायदेमंद होता है घी में.
घी को मांस से दस गुना ज्यादा पौष्टिक बताया गया है, ला,बे समय तक घी के सेवन से हेल्दी रहा जा सकता है.
चाणक्य के अनुसार, गुरच यानी गिलोय औषधियों में सर्वोपरि है. इसका सेवन कई गंभीर बीमारियों से बचाता है.