चाणक्य के अनुसार, दुश्मन से भी बात मनवानी है तो समझदारी और रणनीति ज़रूरी है.
सामने वाले की सोच, स्वभाव और ज़रूरतें समझे बिना प्रभाव नहीं डाला जा सकता.
चाणक्य नीति कहती है, बात मनवानी है तो धीरे-धीरे विचारों की दिशा मोड़िए.
ज़रूरत से ज़्यादा तारीफ मत करें, सच्चाई और संतुलन ज़रूरी है.
सामने वाले की भाषा और भावनाओं में बात करना सबसे असरदार रणनीति है.
दुश्मन को भी जीतना है तो सही समय का इंतज़ार सबसे अहम है.
जो इंसान के विश्वास को समझता है, वही उसकी सोच को प्रभावित कर सकता है.
सही शब्द, सही समय और थोड़ी चतुराई से किसी से भी बात मनवाई जा सकती है.