चाणक्य नीति में महिलाओं के लिए अहम बातें कही गई है.
स्त्रियों में पुरुषों की तुलना में अधिक भूख, लज्जा, साहस और कामेच्छा होती है.
बुरे स्वभाव के ज्ञानी से भी दूर रहना चाहिए, जैसे सजे हुए सर्प से डर बना रहता है.
जो माता-पिता बेटी को शिक्षा नहीं देते, वे उसके शत्रु समान होते हैं.
स्त्रियों की भावना तीव्र होती है भक्ति, प्रेम और क्रोध सभी में.
बुरा पुत्र हो सकता है, लेकिन कोई भी माता बुरी नहीं होती.
स्त्री जब अपने स्वार्थ को समझती है, तो कठोर बन सकती है.
पतिव्रता स्त्री हर अवस्था में पति का साथ निभाती है बुढ़ापे तक.
उत्तम संतान पाने के लिए स्त्री को धर्म और सदाचार का पालन करना चाहिए.
स्त्री शांत रहती है, लेकिन अपने हित के लिए सर्प समान बन सकती है.