छत्तीसगढ़ के बस्तर का दशहरा देश ही नहीं पूरे विश्व में भी अपनी अनोखी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है. यह सबसे लंबा दशहरा माना जाता है.
बस्तर दशहरा हरियाली अमावस्या से शुरू होकर दशहरे तक चलता है, जो इसे दुनिया का सबसे लंबा दशहरा बनाता है.
यहाँ रावण का दहन नहीं होता, बल्कि बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी की पूजा की जाती है.
इस दिन बस्तर के राजा अपनी प्रजा की समस्याएँ सुनते हैं, जो इस पर्व का अहम हिस्सा है.
1408 ई. में राजा पुरूषोत्तम देव ने रथ यात्रा की शुरुआत की, जो आज भी धूमधाम से मनाई जाती है.
दशहरे पर देवी माँ दंतेश्वरी की पूजा कर लोग उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
राजा पुरूषोत्तम देव ने धार्मिक परंपराओं को मजबूत किया और रथ यात्रा की परंपरा को शुरू किया.
हर साल दुनियभर से सैलानी बस्तर आते हैं, इस अनोखे दशहरे के अनुभव के लिए.