छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का गेर्रागुड़ा गांव में लोग समय से पहले बुढ़े हो जाते हैं.
बीजापुर के गेर्रागुड़ा गांव में भूगर्भीय पानी में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा लोगों को समय से पहले बुढ़ापा दे रही है.
25 की उम्र में ही युवक लाठी के सहारे चलने को मजबूर हैं, जबकि 40 पार करते ही शरीर और कमजोर हो जाता है.
गांव के हर तीसरे व्यक्ति में कुबड़ापन , दांतों की सड़न और जोड़ों में अकड़न देखी जा सकती है.
सरकारी नलकूपों को बंद तो किया गया, लेकिन दो फ्लोराइडयुक्त नल आज भी ग्रामीण इस्तेमाल कर रहे हैं.
यह गांव चट्टानों पर बसा है, जिसके नीचे का पानी फ्लोराइड से भरपूर है और यही पानी अब जहर बन गया है.
शुद्ध पेयजल की कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने से ग्रामीण मजबूरी में जहरीला पानी पीने को विवश हैं.
विकास के नाम पर गांव में सड़क तो बन गई, लेकिन जिंदगी बचाने की कोई ठोस योजना अब तक नहीं बन पाई.