छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के झींका गांव में डायन माई की पूजा की जाती है जिनका मंदिर भी बना हुआ है.
एक महिला की रहस्यमयी मौत के बाद गांव में अजीब घटनाएं होने लगीं, जिसे रोकने के लिए उसकी आत्मा की पूजा शुरू की गई और समय के साथ वह परेतिन दाई बन गईं.
पहले लोग डरते थे, उस आत्मा को नारियल, अगरबत्ती, नींबू और चुनरी चढ़ाई जाती है.
यह मंदिर स्थानीय लोगों के सामूहिक प्रयास और आस्था से बना एक साधारण चबूतरा है.
यहां काली चुनरी, सिंदूर, नींबू और लाल साड़ी जैसे विशेष चढ़ावे श्रद्धालु देवी को प्रसन्न करने के लिए अर्पित करते हैं.
गांव की महिलाएं बच्चों की सलामती और पारिवारिक सुख-शांति के लिए डायन माई से मन्नतें मांगती हैं.
मन्नत पूरी होने पर लोग मिठाई, दीपक और खास पूजा-पाठ के साथ आभार जताते हैं.
यहां नियमित पूजा नहीं होती, लेकिन विशेष अवसरों और मनोकामना पूरी होने पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.