छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बहती कोटरी नदी एक रहस्य समेटे हुए है.
कांकेर जिले की कोटरी नदी की रेत से ग्रामीण पीढ़ियों से सोना निकाल रहे हैं, लेकिन इसकी सही वजह आज तक पता नहीं चल पाई है.
बारिश के खत्म होते ही ग्रामीण नदी की रेत को धोकर बारीक कणों से सोना छानते हैं.
क्वारी सोना कहे जाने वाला यह सोना बेहद शुद्ध माना जाता है, लेकिन इसे बेहद कम दाम पर बेच दिया जाता है.
सोनझरिया परिवार न सिर्फ कोटरी नदी बल्कि अन्य नदियों जैसे रावघाट, खंडी, घमरे और महाराष्ट्र की नदियों में भी सोना छानते हैं.
इन परिवारों को आभूषण बनाने या सोने को बेहतर दाम में बेचने का अनुभव नहीं है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता.
इस मेहनत से जो पैसा मिलता है, वो सिर्फ भोजन, कपड़े और रोजमर्रा के खर्च में ही खत्म हो जाता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि चट्टानों से गुजरती हुई नदी से होने वाले घर्षण के कारण सोने के कण पानी और रेत में मिलते हैं.