सरसों के पत्तों में ग्लूकोसाइनोलेट्स होते हैं जो शरीर में जाकर आइसोथायोसाइनेट्स में टूट जाते हैं। इन आइसोथायोसाइनेट्स के बेहिसाब फायदे हैं।
सरसों के पत्ते चबाकर खाने पर ये कैंसर सेल्स को न केवल बनने से रोकते है बल्कि यदि वे बनने शुरू हो गए हैं तो उनकी ग्रोथ को रोकते हैं।
कच्चे सरसों पत्तों के सेवन से बाॅडी के डिटॉक्सिफिकेशन में बहुत मदद मिलती है। यह लिवर की कार्य क्षमता को भी बढ़ाता है।फैटी लिवर की समस्या ठीक करता है।
सरसों के कच्चे पत्ते चबाकर खाने पर शरीर में इन्फ्लेमेशन कम करते हैं। इसलिए यह जोड़ों के दर्द,मांसपेशियों के खिंचाव, अंदरूनी सूजन आदि से शीघ्र राहत देता है।
सरसों के कच्चे पत्तों के सेवन से हमारी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती है। इनमें एंटीफंगल एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल प्रॉपर्टीज़ होती हैं।
कच्चे सरसों पत्तों के सेवन से हमारे दिमाग की कोशिकाएं बेहतर रहती हैं। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का लेवल घटाता है। साथ ही उम्र के साथ दिमाग पर पड़ने वाले असर को कम करता है।
ये हमारे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं। साथ ही इनके सेवन से शरीर के टॉक्सिंस निकल जाते हैं जिससे हमें वेट लॉस में मदद मिलती है।
सरसों के कच्चे पत्तों के सेवन से मिलने वाले आइसोथायोसाइनेट्स हमारे पाचन को बेहतर रखते हैं।
सरसों के कच्चे पत्तों के सेवन से डायबिटीज़ के नियंत्रण में मदद मिलती है। यह पाचन को बेहतर रखकर, इंफ्लेमेशन को कम कर और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर डायबिटीज़ कंट्रोल में मददगार है।
सरसों के पत्ते का सलाद ऐसे बनाएं
सरसों के पत्तों का सलाद बनाने के लिए सरसों के पत्तों को धोकर काट लें। इसमें नींबू का रस या टमाटर, अखरोट या बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स और अदरख, तुलसी आदि हर्ब्स और मनपसंद फल डालकर खाएं।