बथुआ भाजी को कब्ज़ और गैस के लिए रामबाण औषधि माना जाता है। इसके सेवन से पाचन बेहतर होता है। बवासीर से भी राहत मिलती है।
बथुआ भाजी के सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और मौसमी बीमारियों से राहत मिलती है।
बथुए के ताजे रस में शक्कर मिलाकर रोजाना पीने से छोटे किडनी स्टोन मूत्र के साथ बाहर निकल जाते हैं।
आयुर्वेद की दृष्टि से यह त्रिदोष (वात, पित, कफ) को शांत करने वाला साग है।
बथुआ भाजी स्किन डिसीज़ के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके लिए कच्चे बथुआ के पत्तों के रस में नमक और नींबू का रस मिलाकर पिएं।
रोज़ाना बथुआ का साग खाने से आँखों की समस्याओं जैसे लालिमा,सूजन , आँखों से पानी आना आदि से राहत मिलती है।
पेशाब में जलन हो या दर्द महसूस हो रहा हो या पेशाब खुलकर नहीं आ रही हो तो बथुआ के सेवन से लाभ होता है।
प्रैगनेंट महिलाओं के पोषण के लिए विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर बथुआ का साग बेहद फायदेमंद है।
बच्चों के पेट में कीड़े होने की समस्या हो तो एक चम्म्च बथुआ के कच्चे पत्तों का रस नमक मिलाकर पिलाएं इससे पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
बथुआ के पत्तों को उबालकर छाछ आदि में घोलकर पीने से पीरियड्स खुलकर आएंगे और अनियमित पीरियड्स की समस्या से राहत मिलेगी।
पैर में मोच आ जाने पर बथुआ का पेस्ट प्रभावित हिस्से में लगाएं। जल्द राहत मिलेगी। जोडों के दर्द में भी बथुए का सेवन लाभप्रद है।
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