फोटो में देखिए, बिलासपुर में अघोरेश्वर भगवान राम के महाविभूति स्थल का वार्षिकोत्सव भक्ति भाव और उल्लास के साथ मनाया गया...
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अघोरेश्वर आश्रम के अघोरेश्वर महाप्रभु भगवान राम महाविभूति स्थल में चरण पादुका और शिवलिंग की स्थापना का पहला वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
दो दिन के इस उत्सव की शुरूआत 15 मई को बाबा संभव राम जी की के विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुई।
इसी के साथ अघोरन्ना परो मंत्र, नास्ति तत्व गुरू परो...मंत्र के साथ 24 घंटे का अष्टयाम प्रारंभ हुआ।
वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन 16 मई को सुबह आठ बजे अष्टयाम समापन के साथ ही उत्सव का समापन हुआ।
इस मौके पर बाबा संभव राम जी ने अघोरेश्वर महाविभूति स्थल में श्री सर्वेश्वरी समूह के नियमों के अनुरूप अघोरेश्वर महाप्रभु की समाधि पर पूजन किया।
महाविभूति स्थल में चरण पादुका और शिवलिंग स्थापना पिछले साल 15 मई को किया गया था।
पहले वार्षिकोत्सव में हिस्सा लेने पूरे छत्तीसगढ़ से श्री सर्वेश्वरी समूह के लोग पहुंचे थे।
वार्षिकोत्सव के अंत में बाबा संभव राम का आर्शीवचन हुआ। उन्होंने समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने लिए जीने का कोई मतलब नहीं। हमारे होने का मतलब तभी है, जब हम दूसरों के कल्याण के लिए भी सोंचे।
बाबा संभव राम ने कहा कि पहले बुजुर्ग बीमार होते थे, मगर आज युवा विभिन्न बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं। हम संतुलित,आचार विहार के साथ जीवन जीना छोड़ चुके है।
हमारे शरीर में दूषित तालाब के जल की तरह दूषित चीजे जमा होती जा रही हैं। हमारे आचार विचार व व्यवहार में भी प्रदूषित चीजे आ रही हैं। जिनसे बचने के लिए हमें महापुरुषों की शरण में जाना होगा।
बाबा ने कहा कि इस समय आर्थिक युद्ध चल रहा है। हर आदमी अर्थ के संघर्ष में फंसा हुआ है।
उन्होंने कहा कि हम ये नही कह रहे कि आप धन न कमाएं, आगे न बढ़े। मगर नैतिक मूल्यों का ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि जीवन के संघर्ष में माता-पिता और अपने परिवार को न भूल जाएं।
हम इस युग में सतर्क नही रहेंगे तो हम नही जी पाएंगे। इस आर्थिक युग में, लोभ लालच के युग में लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए जुटे है।