शिरोधारा थेरेपी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों में एंटीऑक्सीडेंट्स और न्यूरोप्रोटेक्टिव तत्व होते हैं।

जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं इससे याददाश्त, सतर्कता और फोकस करने की क्षमता को बढ़ती है और तनाव कम होता है।
शिरोधारा थेरेपी के दौरान गर्म तेल का निरंतर प्रवाह खोपड़ी और चेहरे के क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में मदद करता है।
इससे यौवन भी वापस लौटता है और मानसिक शांति मिलती है।
इस आयुर्वेदिक चिकित्सा से माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है।
शिरोधारा से वात दोष नियंत्रित होता है जिससे पूरे शरीर का सिस्टम सुधरता है।
जो लोग इन्सोम्निया यानि अनिद्रा से परेशान हैं उनके लिए भी शिरोधारा बहुत उपयोगी है।
घंटों कंप्यूटर पर काम करने से थकी आंखों को भी शिरोधारा आराम पहुँचाने में मदद करती है।
शिरोधारा थेरेपी पुराने तनाव और कड़वी यादों को दूर करने में मदद करती है।
यह शरीर और खासकर कंधों की जकड़न को भी दूर करती है।
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