बादशाह औरंगजेब मुगल वंश का सबसे क्रूर शासक था.

अपनी क्रूरता के चलते औरंगजेब न केवल मुगल शासन के पतन का बना बल्कि एक दुष्ट शासक के रूप में भी जाना गया.
औरंगज़ेब ने गद्दी के लिए अपने पिता शाहजहां, अपने भाईयों यहाँ तक की अपने सगे बेटे बेटियों को भी नहीं छोड़ा.
औरंगज़ेब ने साल 1658 से 1707 लगभग 49 सालों तक सत्ता की बागडोर संभाली थी.
औरंगजेब का बड़ा भाई दारा शिकोह पिता शहंशाह का काफी चहीता था. वो शहंशाह के सलाहकार के तौर पर काम करता था.
औरंगजेब को गद्दी दारा शिकोह के पास जाती दिख रही थी. जिसके बाद औरंगजेब का भाइयों दारा शिकोह, शाह शुजा और मुराद बख्श के साथ विवाद होने लगा.
जिसके बाद उसने गद्दी के लिए अपने पिता शाहजहां को आगरा के किले में कैद करा दिया.
अपने भाई दाराशिकोह का सिर कटवा दिया, दूसरे भाई मुराद को जहर देकर मरवा दिया और खुद को शासक घोषित कर अपना राज्य अभिषेक करवाया था.
औरंगजेब ने अपने दो बेटों को भी जेल में डाला, जिसमें एक की जेल में ही मौत हुई. दूसरे ने जेल में आठ साल बिताए.
औरंगजेब को जब लगा उसका बेटा गद्दी के लिए खतरा बना सकता है तो बेटे सुल्तान महमूद को सलीमगढ़ के किले में कैद किया और एक साल बाद जहर देकर मरवा दिया था.
औरंगजेब ने अपनी बड़ी बेटी जेबुन्निसा को 20 साल तक जेल में कैद रखा था. और वहीं उसकी मौत हो गयी.
कहा जाता है जेबुन्निसा हिंदू राजा छत्रसाल बुंदेला से प्रेम करती थी. जिससे औरंगज़ेब को बहुत गुस्सा आया और ये सजा दी.