अनुज एक दम कबीर सिंह बन गया है। तभी वहां देविका पहुंच जाती है और अनुज को खरी-खोटी सुनाती है। वो कहती है कि जिसके लिए यहां आंसू बहा रहा है, उससे मिलने तो जा। अनुज कहता है कि अनुपमा खुशी-खुशी अपने जीवन में आगे बढ़ गई है लेकिन देविका कहती है कि ऐसा कुछ नहीं है।