आज तक हमने फिल्मों और कहानियों में देखा था कि, इंसान रोबोट से शादी करता है, लेकिन अब यहां कल्पना हकीकत में बदल रही है.
बता दें कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस रोबोट वाइव्स कई देशों में पॉपुलर हो रही है.
ये न केवल घर के काम में मदद कराती है बल्कि साथी की तरह प्यार, दुलार और इमोशनल स्पोर्ट भी देती है. तो आइए जानते है इसकी पूरी डिटेल्स.
AI की टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से फैल रही है कि अब पुरुषों के लिए AI वाइफ चीन ने बना डाली है. चीन की कंपनी Exdoll आई रोबोट बनती है.
जो स्पीच रिकॉग्निशन, मेमोरी और बेसिक कम्युनिकेशन कर सकते हैं. जानकारी के अनुसार, कुछ पुरुषों ने इन रोबोट पत्नियों के साथ शादी की रस्में भी निभा लीं है.
जापान पहले से ही ह्यूमनॉइड रोबोट बनाने में अग्रणी है. यहां Gatebox कंपनी का Hikari Azuma रोबोट एक वर्चुअल पत्नी की तरह काम करता है. यह अपने मालिक को सुबह जगाता है.
मैसेज भेजता है और घर पर “इंतजार” भी करता है. जापान में खासतौर पर यह तकनीक अकेलेपन झेल रहे लोगों के लिए इमोशनल सपोर्ट का साधन बन रही है.
अमेरिका में भी कंपेनियन रोबोट्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. कंपनी RealDoll ने ऐसे महिला रोबोट्स बनाए हैं जो चेहरे के हाव-भाव बदल सकती हैं.
सिंपल बातचीत कर सकती हैं. यहां लोग इन्हें केवल पर्सनल या इंटिमेट इस्तेमाल के लिए नहीं, बल्कि कम्युनिकेशन और इमोशनल सपोर्ट के लिए भी खरीद रहे हैं.
यूएई और सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों में भी रोबोट पत्नियों का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. हालांकि धार्मिक कारणों से इन्हें सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया है.
प्राइवेट कलेक्शन और लक्जरी गैजेट के तौर पर इनकी डिमांड बढ़ रही है. यह वहां स्टेटस और टेक्नोलॉजिकल इंटरेस्ट का हिस्सा बन चुका है.
साउथ कोरिया टेक्नोलॉजी हब माना जाता है और यहां इमोशनल कनेक्शन वाले रोबोट्स की डिमांड ज्यादा है. खासकर वे बुजुर्ग जो अकेलापन झेल रहे हैं.
उनके लिए ये AI साथी मानसिक और भावनात्मक सहारा बन रहे हैं. यहां इंसान और मशीन के बीच रिलेशनशिप पर लगातार एक्सपेरिमेंट भी किए जा रहे हैं.