नईदिल्ली 1 फरवरी 2020। वीरेंद्र सहवाग ने ऋषभ पंत को न खिलाए जाने के लिए टीम प्रबंधन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि टीम मैनेजमेंट जब किसी खिलाड़ी को ड्रॉप करता है तो उसके पास पर्याप्त कारण होने चाहिए। 2012 में महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि सचिन तेंदुलकर सहवाग और गौतम गंभीर को टॉप ऑर्डर में रोटेट किया जाएगा, क्योंकि वे मैदान पर स्लो हैं। उस समय इसलिए रोटेशन पॉलिसी अपनाई गई थी, क्योंकि रोहित शर्मा को मौका दिया जाना था।
वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकबज के एक शो में कहा, ”ऋषभ पंत को प्लेइंग इलेवन में नहीं खिलाया जा रहा, ऐसे में वह रन कैसे बनाएंगे। यदि आप सचिन तेंदुलकर को भी बेंच पर बिठा देंगे तो वह भी रन नहीं बना सकते। यदि आपको लगता है कि ऋषभ पंत मैच विनर हैं तो आप उसे खिला क्यों नहीं रहे? क्योंकि वह नियमित नहीं।”
सहवाग ने कहा, ”हमारे समय में कप्तान खिलाड़ी के पास जाता था और उससे सवाल पूछता था। मुझे नहीं पता विराट कोहली ऐसा करते हैं या नहीं। लोग कहते हैं जब रोहित शर्मा एशिया कप में टीम के कप्तान बन कर गए थे तो वे खिलाड़ियों से बात किया करते थे।”
उन्होंने कहा, ”जब महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में यह कहा था कि टॉप थ्री स्लो फील्डर हैं तो हमसे कभी इस बारे में बात नहीं हुई। हमें मीडिया से ही यह सब पता चला। उन्होंने यह बात प्रेस कांफ्रेंस में कही, लेकिन खिलाड़ियों से नहीं कही।”
खिलाफ पहले वनडे में खिलाया गया था। उन्होंने 28 रन बनाए थे, लेकिन फिट होने के बावजूद उन्हें इंदौर में खेले गए वनडे मैच में नहीं खिलाया गया। बेंगलुरु में केएल राहुल को प्राथमिकता दी गई। और जब से केएल राहुल विकेट के पीछे आए हैं, ऋषभ पंत भारतीय प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं हैं।