बिलासपुर । कालीचरण महाराज के मुख्य आतिथ्य में अयोजित होने वाले कार्यक्रम में आज हंगामा खड़ा हो गया। ऐन कार्यक्रम से पहले पुलिस प्रशासन के दबाव में आकर कार्यक्रम का परमिशन रद्द करने का आरोप लगा आयोजनकर्ताओं ने एसएसपी पारुल माथुर के खिलाफ नारे लगाए। भारी गहमा गहमी के बीच पुलिस बल भीड़ को नियंत्रित करती रही।
आज न्यायधानी बिलासपुर में भगवा ब्रिगेड द्वारा लखीराम आडिटोरियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में शहर की दुर्गाउत्सव समितियों व गणेश उत्सव समितियों को सम्मानित किया जाना था।कालीचरण महराज को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था जिनके हाथों सम्मान समाहरोह होना था। भगवा ब्रिगेड का आरोप है कि कार्यक्रम के लिए पहले से ही लखीराम ऑडिटोरियम की बुकिंग करवा के प्रशासन से परमिशन ली गयी थी। पर जब ऐन मौके पर कार्यक्रम से पहले पहुँचे तो भवन के केयर टेकर व एसडीएम ने आकर ताला लगा दिया व बोलने पर भी ताला नही खोला। ज्ञातव्य है कि ऑडिटोरियम का संचालन नगर निगम करता है। केयर टेकर ने कार्यक्रम के लिए प्रशासन की लिखित अनुमति दिखाने पर ही भवन खोलने की बात कही। जिस पर भगवा ब्रिगेड के लोगो ने आरोप लगाया कि एसएसपी पारुल माथुर के दबाव में आकर मिली परमिशन रद्द की गई है और भवन में कार्यकम्र से पहले ताला लगवा दिया गया है। देखिए वीडियो...
जिसके बाद भगवा ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने एसएसपी पारुल माथुर मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। साथ ही सिविल लाइन टीआई परिवेश तिवारी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। मिली जानकारी के अनुसार कालीचरण महराज कार्यक्रम शुरू नही होने के चलते बिलासपुर नही पहुँचे। सूचना पर पहुँची पुलिस ने किसी तरह हंगामे को शांत करवा दिया। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग कहते रहे कि प्रशासन के द्वारा किसी भी तरह का त्यौहारी सीजन में शांति भंग होने की आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है जो कि बेजा कदम है हमारे द्वारा शांति पूर्ण ढंग से भवन के अंदर विधिवत अनुमति लेकर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था। ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं के द्वारा बताया गया कि कालीचरण महराज को रायपुर से ही पुलिस के द्वारा बिलासपुर नही आने दिया गया।
कौन हैं कालीचरण महराज:- कालीचरण महराज भगवान शिव व काली मां के भक्त हैं और उनके शिव तांडव स्त्रोत से प्रसिद्ध हुए है। उन्होंने कुछ माह पहले रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द कहे थे जिसके बाद उनके खिलाफ रायपुर में एफआईआर दर्ज कर उनकी मध्यप्रदेश से गिरफ्तारी की गई थी। इस दौरान छतीसगढ़ पुलिस के साथ ही मध्यप्रदेश पुलिस व दोनों राज्यों की सरकारें आमने सामने आ गयी थी। उनके खिलाफ इसी मामलें में महाराष्ट्र में भी एफआईआर दर्ज की गई थी।