VIDEO : लोगों की मदद करने गए गृहमंत्री खुद ही फंस गये बाढ़ में……हेलीकाप्टर से करना पड़ा एयरलिफ्ट, देखें वीडियो
दतिया 5 अगस्त 2021।बाढ़ का बिगड़े हालात का जायजा लेने के लिए गृहमंत्री खुद ही बाढ़ में फंस गये। आलम ये हुआ कि घंटों फंसे रहने के बाद एयर फोर्स के हेलीकाप्टर से एयरलिफ्ट कर उनका रेस्क्यू किया गया। दरअसल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया में बाढ़ प्रभावित इलाके के एक गांव में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की टीम के साथ एक नाव से पहुंचे थे, लेकिन बोट में एक पेड़ के गिर जाने से उसमें में अचानक तकनीकी खराबी आने से वह वहीं फंस गए. इसके बाद एयरफोर्स से मदद मांगी गई, जिस पर वायुसेना ने एक हेलिकॉप्टर भेजा, तब कहीं जाकर बाढ़ में फंसे गृह मंत्री को निकाला गया।
सबसे खास बात ये है कि गृह मंत्री मिश्रा ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर के आने पर पहले 9 लोगों को वहां से निकलवाया और उसके बाद स्वयं भी कोटरा में पानी से घिरे मकान की छत से हेलीकॉप्टर में सुरक्षित सवार हुए. कोटरा गांव पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ था और करीब एक मंजिल तक घरों में पानी भरा हुआ था, जिसके चलते लोग छतों पर थे.मध्य प्रदेश के दतिया जिले के कोटरा गांव में बुधवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने छोटे नाव से पहुंचे प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बोट में एक पेड़ के गिर जाने से इसमें खराबी आ गई, जिसके बाद उन्हें एवं अन्य 9 लागों को वायुसेना की मदद से बचाया गया.
मिश्रा बुधवार को दतिया जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. उनके अनुसार सुबह साढ़े 10 बजे दतिया के कोटरा गांव में एक मकान की छत पर लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलने पर गृह मंत्री उनको बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम के साथ नाव से पहुंचे थे.
अधिकारी ने कहा कि बचाव के दौरान अचानक एक पेड़ नाव के ऊपर गिर गया, जिससे उसमें कुछ तकनीकी खराबी आ गई और वह वहीं पर फंस गया. अधिकारी ने बताया कि इसके बाद मिश्रा ने संबंधित अधिकारी को संदेश भेजा, जिस पर उनकी एवं बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध करवाई गई.
अधिकारी ने कहा, ”मिश्रा ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर के आने पर पहले नौ लोगों को वहां से निकलवाया और उसके बाद स्वयं भी कोटरा में पानी से घिरे मकान की छत से हेलीकॉप्टर में सुरक्षित सवार हुए.” कोटरा गांव पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ था और करीब एक मंजिल तक घरों में पानी भरा हुआ था, जिसके चलते लोग छतों पर थे.